Examine This Report on shiv chalisa lyrics in english

Wiki Article

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥

नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकालकालं गणेशाधिपालम् ।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

अर्थ- हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने more info वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

Report this wiki page