काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। �
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। �